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"वसंत / सुमित्रानंदन पंत" के अवतरणों में अंतर

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चंचल पग दीपशिखा के धर 
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गृह, मग़, वन में आया वसंत 
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सुलगा फागुन का सूनापन 
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सौन्दर्य शिखाओं में अनंत 
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सौरभ की शीतल ज्वाला से 
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फैला उर उर में मधुर दाह 
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आया वसंत, भर पृथ्वी पर 
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स्वर्गिक सुंदरता का प्रवाह 
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पल्लव पल्लव में नवल रूधिर 
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पत्रों में मांसल रंग खिला 
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आया नीली पीली लौ से 
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पुष्पों के चित्रित दीप जला 
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अधरों की लाली से चुपके 
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कोमल गुलाब से गाल लजा 
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आया पंखड़ियों को काले-
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पीले धब्बों से सहज सजा 
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कलि के पलकों में मिलन स्वप्न 
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अलि के अंतर में प्रणय गान 
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लेकर आया प्रेमी वसंत 
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आकुल जड़-चेतन स्नेह प्राण 
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13:08, 10 जून 2010 का अवतरण

  1. REDIRECT चंचल पग दीप-शिखा-से / सुमित्रानंदन पंत