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"दर्द बयान हुआ / विजय वाते" के अवतरणों में अंतर
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11:32, 11 जून 2010 के समय का अवतरण
जो बेईमान हुआ ।
उसका सम्मान हुआ ।
बेकार सत्य बोला,
नाहक अपमान हुआ ।
इंसान हुआ आबं,
व्यर्थ गुमान हुआ ।
रोटी मकान कपड़ा,
इतना सामान हुआ ।
चाहा पढ़ें कसीदे,
दर्द बयान हुआ ।