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"बातें करें / विजय वाते" के अवतरणों में अंतर

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कुछ करें शिकवे-गिले कुछ प्यार की बातें करें
  
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इन सभी से बन रहे आसार की बातें करें |
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आज मन है आपसे घरबार की बातें करें |
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अब बड़े घर मे बुजुर्गों के नहीं तामीरदार,  
 
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आओ मिल के उनसे कुछ उपचार की बातें करें |
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छत के गुण गाते हैं हम जो दे रही है आसरा,  
 
छत के गुण गाते हैं हम जो दे रही है आसरा,  
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छत टिकी काँधे पे जिस दीवार की बातें करें
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12:08, 11 जून 2010 के समय का अवतरण

आओ मिल के दो घड़ी संसार की बातें करें,
कुछ करें शिकवे-गिले कुछ प्यार की बातें करें ।

हो चुका जो हो रहा है फ़िक्र उसकी ख़ूब की,
इन सभी से बन रहे आसार की बातें करें ।

जो मिला जब-जब मिला दुनिया के गम ले कर मिला,
आज मन है आपसे घरबार की बातें करें ।

अब बड़े घर मे बुजुर्गों के नहीं तामीरदार,
आओ मिल के उनसे कुछ उपचार की बातें करें ।

छत के गुण गाते हैं हम जो दे रही है आसरा,
छत टिकी काँधे पे जिस दीवार की बातें करें ।