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"चेहरा मेरा था निगाहें उसकी / परवीन शाकिर" के अवतरणों में अंतर
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19:55, 14 जून 2010 के समय का अवतरण
चेहरा मेरा था निगाहें उसकी
ख़ामोशी में भी वो बातें उसकी
मेरे चेहरे पे ग़ज़ल लिखती गई
शेर कहती हुई आँखें उसकी
शोख लम्हों का पता देने लगी
तेज़ होती हुई साँसें उसकी
ऐसे मौसम भी गुज़ारे हमने
सुबहें जब अपनी थीं शामें उसकी
ध्यान में उसके ये आलम था कभी
आँख महताब की यादें उसकी