भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"हमें ए दिल कहीं ले चल बड़ा तेरा करम होगा / मजरूह सुल्तानपुरी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मजरूह सुल्तानपुरी }} Category:ग़ज़ल<poem> हमें ए दिल कह…)
 
(कोई अंतर नहीं)

01:55, 15 जून 2010 के समय का अवतरण

हमें ए दिल कहीं ले चल बड़ा तेरा करम होगा
हमारे दम से है हर गम न होने हम न गम होगा

खबर क्या थी भार आ कर हमारे आशियाने पर
नई बिजली गिरायेगी नया हम पे सितम होगा

तमन्नाओं से बदली है न बदलेगी कभी किस्मत
लिखा है जो मुकद्दर में वही तेरा करम होगा