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"कायनात के ख़ालिक / परवीन शाकिर" के अवतरणों में अंतर
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देख तो मेरा चेहरा | देख तो मेरा चेहरा | ||
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आज मेरे होठों पर | आज मेरे होठों पर | ||
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कैसी मुस्कुराहट है | कैसी मुस्कुराहट है | ||
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आज मेरी आँखों में | आज मेरी आँखों में | ||
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कैसी जगमगाहट है | कैसी जगमगाहट है | ||
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मेरी मुस्कुराहट से | मेरी मुस्कुराहट से | ||
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तुझको याद क्या आया | तुझको याद क्या आया | ||
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मेरी भीगी आँखों में | मेरी भीगी आँखों में | ||
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तुझको कुछ नज़र आया | तुझको कुछ नज़र आया | ||
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12:13, 16 जून 2010 के समय का अवतरण
कायनात के ख़ालिक़<ref>दुनिया का बनाने वाला</ref> !
देख तो मेरा चेहरा
आज मेरे होठों पर
कैसी मुस्कुराहट है
आज मेरी आँखों में
कैसी जगमगाहट है
मेरी मुस्कुराहट से
तुझको याद क्या आया
मेरी भीगी आँखों में
तुझको कुछ नज़र आया
इस हसीन लम्हे को
तू तो जानता होगा
इस समय की अज़मत<ref>महिमा</ref> को
तू तो मानता होगा
हाँ, तेरा गुमाँ सच्चा है
हाँ, कि आज मैंने भी
ज़िन्दगी जनम दी है !
शब्दार्थ
<references/>