भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कायनात के ख़ालिक / परवीन शाकिर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} रचनाकार: परवीन शाकिर Category:कविताएँ Category:परवीन शाकिर ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~...)
 
 
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
रचनाकार: [[परवीन शाकिर]]
+
{{KKRachna
[[Category:कविताएँ]]
+
|रचनाकार=परवीन शाकिर
[[Category:परवीन शाकिर]]
+
|संग्रह=रहमतों की बारिश / परवीन शाकिर
 
+
}}
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
+
{{KKCatNazm}}
 
+
<poem>
 
+
कायनात के ख़ालिक़<ref>दुनिया का बनाने वाला</ref> !
कायनात के ख़ालिक़ !
+
 
+
 
देख तो मेरा चेहरा
 
देख तो मेरा चेहरा
 
 
आज मेरे होठों पर
 
आज मेरे होठों पर
 
 
कैसी मुस्कुराहट है
 
कैसी मुस्कुराहट है
 
 
आज मेरी आँखों में  
 
आज मेरी आँखों में  
 
 
कैसी जगमगाहट है
 
कैसी जगमगाहट है
 
 
मेरी मुस्कुराहट से  
 
मेरी मुस्कुराहट से  
 
 
तुझको याद क्या आया
 
तुझको याद क्या आया
 
 
मेरी भीगी आँखों में  
 
मेरी भीगी आँखों में  
 
 
तुझको कुछ नज़र आया
 
तुझको कुछ नज़र आया
 
 
इस हसीन लम्हे को
 
इस हसीन लम्हे को
 
 
तू तो जानता होगा
 
तू तो जानता होगा
 
+
इस समय की अज़मत<ref>महिमा</ref> को
इस समय की अज़मत को
+
 
+
 
तू तो मानता होगा
 
तू तो मानता होगा
 
 
हाँ, तेरा गुमाँ सच्चा है
 
हाँ, तेरा गुमाँ सच्चा है
 
 
हाँ, कि आज मैंने भी
 
हाँ, कि आज मैंने भी
 
 
ज़िन्दगी जनम दी है !
 
ज़िन्दगी जनम दी है !
  
  
 
+
{{KKMeaning}}
ख़ालिक़=दुनिया का बनाने वाला; अज़मत=महिमा
+
</poem>

12:13, 16 जून 2010 के समय का अवतरण

कायनात के ख़ालिक़<ref>दुनिया का बनाने वाला</ref> !
देख तो मेरा चेहरा
आज मेरे होठों पर
कैसी मुस्कुराहट है
आज मेरी आँखों में
कैसी जगमगाहट है
मेरी मुस्कुराहट से
तुझको याद क्या आया
मेरी भीगी आँखों में
तुझको कुछ नज़र आया
इस हसीन लम्हे को
तू तो जानता होगा
इस समय की अज़मत<ref>महिमा</ref> को
तू तो मानता होगा
हाँ, तेरा गुमाँ सच्चा है
हाँ, कि आज मैंने भी
ज़िन्दगी जनम दी है !


शब्दार्थ
<references/>