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"दिन हफ्ते पखवाड़े बदले / विजय वाते" के अवतरणों में अंतर

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03:29, 18 जून 2010 के समय का अवतरण

दिन हफ्ते पखवाड़े बदले सन भी बदले हैं
लेकिन घर के सारे कोने पहले जैसे हैं

आज सुबह तेरी अलमारी मैंने खोली थी
और तभी से तेरी खुशबू मुझको घेरे है

मेरी सारी अच्छी शर्टें तू रख लेता था
देख आज तेरे ये कपडे मैंने पहने हैं

सब कहते हैं तू सपनों में आ कर मिलता है
अपनी किस्मत में सपने भी किस्मत जैसे हैं