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"सपने जैसा लगता है / विजय वाते" के अवतरणों में अंतर
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− | पहला प्यार हमेशा सच्चा लगता है| | + | पहला प्यार हमेशा सच्चा लगता है|<br><br> |
− | जैसे पीले पत्ते झरते आँगन में, | + | जैसे पीले पत्ते झरते आँगन में, <br> |
− | वैसे वो भी उखड़ा-उखड़ा लगता है| | + | वैसे वो भी उखड़ा-उखड़ा लगता है|<br><br> |
− | नाच दिखाने तौल रहा जो पर अपने, | + | नाच दिखाने तौल रहा जो पर अपने,<br> |
− | मोर कहीं वो रोया-रोया लगता है| | + | मोर कहीं वो रोया-रोया लगता है|<br><br> |
− | उसकी बातें और करो कुछ और कहो, | + | उसकी बातें और करो कुछ और कहो,<br> |
− | उसके किस्से सुनना अछ्छा लगता है| | + | उसके किस्से सुनना अछ्छा लगता है|<br><br> |
− | इश्क, अदावत, खुशबू, पीड़ा,हँसी, छुअन, | + | इश्क, अदावत, खुशबू, पीड़ा,हँसी, छुअन,<br> |
− | बे चहरों के चहरे जैसा लगता है| | + | बे चहरों के चहरे जैसा लगता है|<br><br> |
− | दिल वाले महसूस करेंगे इसे "विजय", | + | दिल वाले महसूस करेंगे इसे "विजय",<br> |
− | शेर ग़ज़ल का दिल का हिस्सा लगता है| | + | शेर ग़ज़ल का दिल का हिस्सा लगता है|<br><br> |
09:51, 19 जून 2010 के समय का अवतरण
वो तो सुबह से सपने जैसा लगता है|
पहला प्यार हमेशा सच्चा लगता है|
जैसे पीले पत्ते झरते आँगन में,
वैसे वो भी उखड़ा-उखड़ा लगता है|
नाच दिखाने तौल रहा जो पर अपने,
मोर कहीं वो रोया-रोया लगता है|
उसकी बातें और करो कुछ और कहो,
उसके किस्से सुनना अछ्छा लगता है|
इश्क, अदावत, खुशबू, पीड़ा,हँसी, छुअन,
बे चहरों के चहरे जैसा लगता है|
दिल वाले महसूस करेंगे इसे "विजय",
शेर ग़ज़ल का दिल का हिस्सा लगता है|