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"सच सूर्य है / रमेश कौशिक" के अवतरणों में अंतर
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क्यों मरोगेरचनाकार - रमेश कौशिक
सच कहोगे
सच के सिवा कुछ न कहोगे
जानते हो
सच सूर्य है
कहोगे तो जल मरोगे
सच के सिवा
सब कुछ कहोगे
जानता हूं
नाहक क्यों मरोगे।
सच के सिवा कुछ न कहोगे
जानते हो
सच सूर्य है
कहोगे तो जल मरोगे
सच के सिवा
सब कुछ कहोगे
जानता हूं
नाहक क्यों मरोगे।