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:पर ये सब बात की बातें हैं, आज दूसरी दफा जब बैठूँगा, तब वर्तनी मानक पर काम पूरा कर दूँगा।
 
:पर ये सब बात की बातें हैं, आज दूसरी दफा जब बैठूँगा, तब वर्तनी मानक पर काम पूरा कर दूँगा।
 
--[[सदस्य:Sumitkumar kataria|सुमितकुमार कटारिया]]([[सदस्य वार्ता:Sumitkumar kataria|वार्ता]]) ०५:०३, २० अप्रैल २००८ (UTC)
 
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देर करने के लिए माफी। जितना मुझे आता था, वर्तनी मानक वाले पन्ने का काम कर दिया, बाक़ी अनिल जी चाहें तो और भी कोई सुधार कर सकते हैं। पर अब हमें वर्तनी सुधारने का काम शुरु कर देना चाहिए, जो ग़लतियाँ ज़्यादा पाई जाती हैं, उनके बारे में लिख दिया है।
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09:41, 21 अप्रैल 2008 का अवतरण

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वर्तनी-सुधार

आदरणीय अनिल जी और सुमित जी,

१) सुपर स्क्रिप्ट के लिये मैनें Edit pages की टूलबार में एक बटन बना दिया है। इससे सुपर स्क्रिप्ट जोड़ना थोड़ा आसान हो जाएगा। शब्दार्थ जोड़ने को भी आसान बनाने के लिये एक उपाय सोच रहा हूँ।

२) वर्तनी सुधार एक बहुत बड़ा काम है। कविता कोश के ८००० से अधिक पन्नों को जाँचना आसान नहीं है। इसके लिये काफ़ी लोग चाहिये... पर अभी के लिये मैं इस काम को वर्णमाला के अक्षरों के मुताबिक बाँटना चाहूंगा। जैसे की अ और आ से जिन रचनाकारों के नाम शुरु होते हों -उनके सारे पन्नों को कोई एक व्यक्ति जांचेगा। ये ज़िम्मेदारी बाँटने से पहले, हम एक बार तय कर लें की किन वर्तनी-त्रुटियों के होने की अधिक संभावना है और उन्हें कैसे ठीक किया जाएगा। मैं और प्रतिष्ठा आपके जैसा अच्छा भाषा ज्ञान नहीं रखते -सो बेहतर ये होगा कि आप दोनों कविता कोश में वर्तनी के मानक पन्ने पर इस बारे में लिखें कि सही क्या है और ग़लत क्या है। काम शुरु करने से पहले प्रतिष्ठा और मैं इस पन्ने का ठीक से अध्ययन कर लेंगे और उसी के मुताबिक त्रुटियों को खोजेंगे और ठीक करेंगे। जब तक आप लोग वर्तनी के मानकों के इस पन्ने को विकसित नहीं कर लेते -तब तक वर्तनी सुधार का काम बंद रहेगा (प्रतिष्ठा, मैं या आप दोनों फ़िलहाल ये काम न करें और मानकों का पन्ना विकसित करने की ओर ध्यान दें -क्योंकि वही हमारे काम का आधार बनेगा).

३) यदि कोई रचनाकार अपने उपनाम से ही जाना जाने लगा हो तो "नाम" कॉलम में उपनाम ही आना चाहिये। यदि रचनाकार का मूलनाम ज्ञात है -तो उसे "विविध" कॉलम में लिख सकते हैं।

४) अनिल जी, ये जनरल और सिपाही वाली बात आपने खूब कही। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है -मैं भी एक सिपाही हूँ बल्कि एक छोटा सिपाही हूँ। आशा है कि बाकी योगदानकर्ताओं को आपके इस संदेश से कोई ग़लतफ़हमी नहीं होगी।

सादर, --Lalit Kumar १०:४६, १९ अप्रैल २००८ (UTC)

सुपरस्क्रिप्ट का बटन डाल कर अच्छा किया, लाइन ब्रेक का भी डाल दीजिए, पर पता नहीं सुपरस्क्रिप्ट डालने से बाक़ी लाइन में क्यों गड़बड़ हो जाती है।
आप शब्दार्थों के बारे में सोच रहे हैं, मेरे दिमाग़ में भी इसके बारे में कुछ है। DLI पर उर्दू-हिंदी देवनागरी कोशहै। उसके कैच-वर्डों की सारणी मैं महीनों से पूरी करने की सोच रहा हूँ। कुछ इस मारे कि उर्दू के लिए ललक चुक गई, और कुछ इस वजह से कि उर्दू का बहुत ही बढ़िया कोश यहाँ पर मिल गया—اردو لغت‎, मैंने अभी तक उसे पूरा नहीं किया है‎। आधी फ़ेहरिस्त ये लीजिए—उर्दू कोश, इससे आप शब्द खोज सकते हैं। आज इसकी प्रस्तवना पढ़ी, उसमें भी मुझे चंद्रबिंदु वाली ग़लती दिखी है, ये भी सिर्फ़ छपाई की ग़लती है। निरा उर्दू वाला कोश जो है, उसमें अगर आपको उर्दू यूनिकोड की टाइपिंग नहीं आती तो उर्दू तख़्ती का इस्तेमाल कर सकते हैं। शिकागो युनिवर्सिटी की साइट:Digital Dictionaries of South Asiaपर मई में हिंदी शब्दसागर आने वाली थी, अब ये जुलाई तक टल गया है। जब ये आ जाए, तब कोई ऐसा इंतज़ाम चाहिए होगा जैसे कि हर कोश के हर पन्ने पर वहाँ का सर्च-बॉक्स हो।
पर ये सब बात की बातें हैं, आज दूसरी दफा जब बैठूँगा, तब वर्तनी मानक पर काम पूरा कर दूँगा।

--सुमितकुमार कटारिया(वार्ता) ०५:०३, २० अप्रैल २००८ (UTC)


देर करने के लिए माफी। जितना मुझे आता था, वर्तनी मानक वाले पन्ने का काम कर दिया, बाक़ी अनिल जी चाहें तो और भी कोई सुधार कर सकते हैं। पर अब हमें वर्तनी सुधारने का काम शुरु कर देना चाहिए, जो ग़लतियाँ ज़्यादा पाई जाती हैं, उनके बारे में लिख दिया है।

लाइन ब्रेक का बटन सही से नहीं आया।
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ऐसा दिखाई पड़ रहा है।