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"खून का आँसू / नईम" के अवतरणों में अंतर

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खून का आँसू -
 
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हमारी आंख में, ठहरा हुआ है।
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हमारी आँख में, ठहरा हुआ है ।
 
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बाहरी हो तो करूं तीमारदारी,
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रिस रहे नासूर से तो अक्ल हारी।
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:रिस रहे नासूर से तो अक्ल हारी ।
 
मरहमपट्टी से सरासर-
 
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सच ये गहरा हुआ है।
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सच ये गहरा हुआ है ।
 
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हो गई भाषा पहेली, उलटबासी,
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आज खांटे व्यंग्य की सूरत रूआंसी।
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:आज खांटे व्यंग्य की सूरत रूआँसी ।
 
पूछता है काल हमसे,
 
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शब्द का व्यक्तित्व क्यों दुहरा हुआ है?
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शब्द का व्यक्तित्व क्यों दुहरा हुआ है ?
 
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अन्न का रिश्ता नहीं अब आचरण से,
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जिंदगी से कहीं ज्यादा, साबका पड़ता मरण से
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:अन्न का रिश्ता नहीं अब आचरण से,
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:ज़िंदगी से कहीं ज़्यादा, साबका पड़ता मरण से ।
 
विधाता जनगणों का -
 
विधाता जनगणों का -
अंधा हुआ, बहरा हुआ है।
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अंधा हुआ, बहरा हुआ है ।
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09:10, 29 जून 2010 के समय का अवतरण

खून का आँसू -
हमारी आँख में, ठहरा हुआ है ।

बाहरी हो तो करूँ तीमारदारी,
रिस रहे नासूर से तो अक्ल हारी ।
मरहमपट्टी से सरासर-
सच ये गहरा हुआ है ।

हो गई भाषा पहेली, उलटबाँसी,
आज खांटे व्यंग्य की सूरत रूआँसी ।
पूछता है काल हमसे,
शब्द का व्यक्तित्व क्यों दुहरा हुआ है ?

अन्न का रिश्ता नहीं अब आचरण से,
ज़िंदगी से कहीं ज़्यादा, साबका पड़ता मरण से ।
विधाता जनगणों का -
अंधा हुआ, बहरा हुआ है ।