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"दुःख कभी खाली हाथ नहीं आता / प्रदीप जिलवाने" के अवतरणों में अंतर

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13:48, 29 जून 2010 के समय का अवतरण


हृदय भर
       भावुकता
साँस भर
       विकलता
आँख भर
       तरलता
मुट्टी भर
       भरोसा
घर भर
तनाव
शहर भर
अँधेरा
और दुनियाभर की
संतप्तता साथ लाता है
दुःख कभी
खाली हाथ नहीं आता है।
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