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"उल्टे हुए पड़े को देख कर / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर
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14:30, 30 जून 2010 का अवतरण
मेरी जड़ें
जमीन में कितनी गहरी हैं
यह सोचने वाला पेड़
आंधी के थपेड़ों से
उलट गया जमीन पर
कितने दिन रहेगा
तना हुआ मेरा पेड़-रूपी बदन ?
रोज चलती है
यहां अभावों की आंधी
धीरे-धीरे काटता है
जड़ों को जीवन
अब
यह गर्व फिजूल
मेरी जड़े
जमीन में कितनी गहरी हैं ?