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Kavita Kosh से
*[[यूँ सड़क तक छोड़ने भी आपको आएँगे लोग / पवनेन्द्र पवन]]
*[[अपना-अपना ख़ुदा नहीं होता / पवनेन्द्र पवन]]
*[[अपना-अपना ख़ुदा नहीं होता कहीं चटका न दे सब अस्थियाँ यह पाश पर्वत की / पवनेन्द्र पवन]]
*[[राह में ठोकर का सामाँ हाथ मे ख़ंजर लगे / पवनेन्द्र पवन]]
*[[है ढोंग पुण्य का कमाई पाप की तरह / पवनेन्द्र पवन]]