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"क्यों रोती हो मारिया / कर्णसिंह चौहान" के अवतरणों में अंतर
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20:03, 1 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
कौंन से दुख में
रोती हो मारिया
सब कुछ तो है तुम्हारे पास
म्लादोस्त में यह बड़ा मकान
इवान सा संवेदनशील पति
एलेना सी प्यारी बच्ची
और चार चित्रकार दोस्त
फिर क्यों रोती हो मारिया?
अभिव्यक्ति का
कैसा साधन है तुम्हारे पास
उस चित्र में
सजा वह पहाड़
काले सागर का किनारा
गुलाब की घाटी में
गाती लड़की
फिर क्या है वह अनकहा
जिसे आंसुओं में पिरोती हो मारिया?
मुझे देखो
हंसने को
कुछ भी नहीं मेरे पास
ढोने को
एक उदास देश
चूल्हे के धुंए में
आंखें गलाती मां
झोले में
बरसों की निराशा
ढोते मित्र
क्या-क्या गिनाऊं
तुम क्यों रोती हो मारिया?