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रोशनी का मंत्र हमने भी जपा था | रोशनी का मंत्र हमने भी जपा था |
12:08, 2 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
बहुत पहले
रोशनी का मंत्र हमने भी जपा था
बहुत पहले
इस अंधेरे नए युग में
मंत्र वह हो गया उल्टा
और किरणें भी हमारे सूर्य की
हो गईं कुलटा
बहुत पहले
बर्फ़ युग में भी हमारा घर तपा था
बहुत पहले
दीये की बाती हमारी
थी अलौकिक खो गई वह
हवन की जलती अगिन थी
हो गई है सुरमई वह
बहुत पहले
हाँ किसी अख़बार में भी यह छपा था
बहुत पहले
वक्त के जादूभरे
इस झुटपुटे में रंग खोए
जग गए वे दैत्य
जो थे रोशनी में रहे सोए
बहुत पहले
आँख से भी रोशनी का बहनपा था
बहुत पहले