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"घन-कुरंग / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर

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शिशु घन-कुरंग
 
शिशु घन-कुरंग
  
लो, आपस मेन गुथ गये खूब
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लो, आपस में गुथ गये खूब
  
 
शिशु घन-कुरंग
 
शिशु घन-कुरंग

22:07, 29 अप्रैल 2007 का अवतरण

नागार्जुन कवितायें नागार्जुन

नभ में चौकडियां भरें भले

शिशु घन-कुरंग

खिलवाड देर तक करें भले

शिशु घन-कुरंग

लो, आपस में गुथ गये खूब

शिशु घन-कुरंग

लो, घटा जल में गये डूब

शिशु घन-कुरंग

लो, बूंदें पडने लगीं, वाह

शिशु घन-कुरंग

लो, कब की सुधियां जगीं, आह

शिशु घन-कुरंग

पुरवा सिह्की, फिर दीख गये

शिशु घन-कुरंग

शशि से शरमाना सीख गये

शिशु घन-कुरंग

१९६४ में लिखी गई