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"उस चित्र को / ओम पुरोहित ‘कागद’" के अवतरणों में अंतर

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03:18, 3 जुलाई 2010 के समय का अवतरण

गांव में आया था
उड़ कर कहीं से
अखबार का एक पन्ना
बूढ़ी काकी ने
जिसे चाहा था बांचना
तब तक सब पढ़ लिया था
भाखड़ा बांध के
उस चित्र को
टळका कर आंसू
तहा कर रख लिया था
ऊंडी गोझ में ।