भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"यूं बरसती है बिरखा / ओम पुरोहित ‘कागद’" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: <poem>खूब रोता है धनिया जब पूछती है सात साल की लडली बाबा, कैसी होती है …) |
(कोई अंतर नहीं)
|
03:22, 3 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
खूब रोता है धनिया
जब पूछती है
सात साल की लडली
बाबा, कैसी होती है बिरखा !
टळ-टळ बहती
आंखों की ओर
इशारा भर करता है
और कहता है
बेटी !
यूं पड़ता है पानी
यूं बरसती है बिरखा !