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"जूण भर चून / ओम पुरोहित ‘कागद’" के अवतरणों में अंतर

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(नया पृष्ठ: <poem>आखा गांव धार्मिक है सुगनी काकी भी आस्तिक है इसी लिए धर्म पालती …)
 
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03:26, 3 जुलाई 2010 के समय का अवतरण

आखा गांव धार्मिक है
सुगनी काकी भी आस्तिक है
इसी लिए धर्म पालती है
सात-सात रोज के व्रत करती है
ताकि किसी वार का
कोई देवता नाराज न हो
कभी आ कर दे जाये
जूण भर चूण गांव को
काकी ऐसी आस पालती है ।