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"हाथ-4 / ओम पुरोहित ‘कागद’" के अवतरणों में अंतर

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03:44, 3 जुलाई 2010 के समय का अवतरण

बहुत लोग थे वहीं
सब के सब
समझदार थे
धाए हुए भी थे
उनके बीच
किसी के हाथ
आसमान की ओर उठे
लोगों ने समझा
मांगेगा
या
मारेगा
कोई न था वहां
जो समझता
हाथ
कभी-कभी
दुआ में भी
उठते हैं.