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भारतेंदु हरिश्चंद्र

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'''भारतेन्दु 'रसा' की ग़ज़लें'''
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* [[फिर आई फस्ले गुल फिर जख़्म्दह जख़्मदह रह-रह के पकते हैं / भारतेंदु हरिश्चंद्र]]
* [[आ गई सर पर कज़ा लो सारा सामाँ रह गया / भारतेंदु हरिश्चंद्र]]
* [[अजब जोबन है गुल पर आमदे फ़स्ले बहारी है / भारतेंदु हरिश्चंद्र]]
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