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गर्व

भूचाल में
दादा-दादी
माँ-बाप
और सगों के

स्वाहा होने से
खँडहर बने
पैतृक घर का
बेदखल मालिक बनने का
और
काल-अनुमोदित
संयुक्तावस्था से
लम्पट-उच्छृंखल
एकाकीपन में
आने का
उसे बड़ा गर्व है.