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"बादल कौन देश से आए! / जगदीश व्योम" के अवतरणों में अंतर

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बादल कौन देश से आए!
 
बादल कौन देश से आए!
 
 
ये सावन की घटा घनेरी-
 
ये सावन की घटा घनेरी-
 
 
क्या-क्या राज छिपाए
 
क्या-क्या राज छिपाए
 
 
  
 
कुछ भूरे, कुछ काले-काले
 
कुछ भूरे, कुछ काले-काले
 
 
कुछ काले-भूरे
 
कुछ काले-भूरे
 
 
कुछ  अभाव से ग्रसित
 
कुछ  अभाव से ग्रसित
 
 
और कुछ दिखते हैं पूरे
 
और कुछ दिखते हैं पूरे
 
 
बहते साथ हवा के हरदम
 
बहते साथ हवा के हरदम
 
 
कोई रोक न पाए।
 
कोई रोक न पाए।
 
 
बादल कौन देश से आए!
 
बादल कौन देश से आए!
  
 
 
 
ये सावन के मेघ
 
ये सावन के मेघ
 
 
पाठ समसरता का सिखलाते
 
पाठ समसरता का सिखलाते
 
 
भरे जलाशय से जल लेकर
 
भरे जलाशय से जल लेकर
 
 
खेतों को दे जाते
 
खेतों को दे जाते
 
 
जाने कहाँ चले जाते फिर
 
जाने कहाँ चले जाते फिर
 
 
निज अस्तित्व मिटाए।
 
निज अस्तित्व मिटाए।
 
 
बादल कौन देश से आए!
 
बादल कौन देश से आए!
 
 
  
 
खेत-बाग-गिरि-वन सब फूले
 
खेत-बाग-गिरि-वन सब फूले
 
 
पशु-पक्षी हरषाए
 
पशु-पक्षी हरषाए
 
 
बैठ आम की डाल कोकिला
 
बैठ आम की डाल कोकिला
 
 
पंचम स्वर में गाए
 
पंचम स्वर में गाए
 
 
मन की खुशी छलक कर
 
मन की खुशी छलक कर
 
 
झूलों के मिस पैंग बढ़ाए
 
झूलों के मिस पैंग बढ़ाए
 
 
बादल कौन देश से आए !
 
बादल कौन देश से आए !
 
 
  
 
कभी गरजते, कभी बरसते
 
कभी गरजते, कभी बरसते
 
 
रिक्त कभी हो जाते
 
रिक्त कभी हो जाते
 
 
बनकर इन्द्रधनुष का झूला
 
बनकर इन्द्रधनुष का झूला
 
 
सब को खूब झुलाते
 
सब को खूब झुलाते
 
 
व्योम-प्रवाही प्रिया संदेशा
 
व्योम-प्रवाही प्रिया संदेशा
 
 
प्रियतम तक पहुँचाए।
 
प्रियतम तक पहुँचाए।
 
 
बादल कौन देश से आए!
 
बादल कौन देश से आए!
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यूट्यूब पर वीडियो लिंक-
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20:45, 6 जुलाई 2010 का अवतरण

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बादल कौन देश से आए!
ये सावन की घटा घनेरी-
क्या-क्या राज छिपाए

कुछ भूरे, कुछ काले-काले
कुछ काले-भूरे
कुछ अभाव से ग्रसित
और कुछ दिखते हैं पूरे
बहते साथ हवा के हरदम
कोई रोक न पाए।
बादल कौन देश से आए!

ये सावन के मेघ
पाठ समसरता का सिखलाते
भरे जलाशय से जल लेकर
खेतों को दे जाते
जाने कहाँ चले जाते फिर
निज अस्तित्व मिटाए।
बादल कौन देश से आए!

खेत-बाग-गिरि-वन सब फूले
पशु-पक्षी हरषाए
बैठ आम की डाल कोकिला
पंचम स्वर में गाए
मन की खुशी छलक कर
झूलों के मिस पैंग बढ़ाए
बादल कौन देश से आए !

कभी गरजते, कभी बरसते
रिक्त कभी हो जाते
बनकर इन्द्रधनुष का झूला
सब को खूब झुलाते
व्योम-प्रवाही प्रिया संदेशा
प्रियतम तक पहुँचाए।
बादल कौन देश से आए!