"बच्चे बलात्कार करेंगे / मनोज श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर
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| + | खौफज़दा मांएं | ||
| + | अपने-अपने कोखजाए | ||
| + | के मनहूस साए | ||
| + | तक से परहेज करेंगी | ||
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| + | स्तनपान के बहाने | ||
| + | कामोत्तेजक स्पर्श पाने | ||
| + | बच्चे अनापशनाप करेंगे | ||
| + | वाहियात कार्यकलाप करेंगे | ||
| + | और वह दिन दूर नहीं | ||
| + | जब बच्चे गर्भ में ही | ||
| + | खुराफात करेंगे | ||
| + | धर्म और पुराण को मात करेंगे | ||
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| + | उस जमाने में भी | ||
| + | ऐसी खबरें धारदार होंगी | ||
| + | पैनी-नोकदार होंगी | ||
| + | लिहाजा | ||
| + | कभी-कभार नहीं | ||
| + | बार-बार होंगी-- | ||
| + | कि एक दुधमुंहे ने | ||
| + | आंचल के साए में | ||
| + | कोख से निकलते ही | ||
| + | लपककर, झपटकर | ||
| + | काटकर, कचककर | ||
| + | बलपूर्वक बलात्कार किया | ||
| + | जननी की आबरू पर | ||
| + | वहशियाना वार किया | ||
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| + | आगे यह खबर | ||
| + | लजीज़ ज़ायकेदार होगी-- | ||
| + | कि ऐसी एकाध औरत | ||
| + | विलुप्तप्राय लोकलाज के बदौलत | ||
| + | खुदकुशी कर हास्यास्पद बनी | ||
| + | और बलात्कारी शिशु को | ||
| + | सात-साला कैद मिली | ||
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| + | तब, मांएं | ||
| + | वेदना का पर्याय होंगी | ||
| + | पेट में बलात्कार यन्त्रणा | ||
| + | और प्रसव-पीड़ा | ||
| + | साथ-साथ झेलेंगी. | ||
16:51, 7 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
बच्चे बलात्कार करेंगे
इक्कीसवीं सदी से उपकृत किशोर
नपुंसक हो जाया करेंगे
और हताश, पर कामातुर बच्चे
छेड़छाड़, व्यभिचार
और बलात्कार करेंगे
बच्चे बलात्कार करेंगे
खौफज़दा मांएं
अपने-अपने कोखजाए
के मनहूस साए
तक से परहेज करेंगी
क्योंकि
स्तनपान के बहाने
कामोत्तेजक स्पर्श पाने
बच्चे अनापशनाप करेंगे
वाहियात कार्यकलाप करेंगे
और वह दिन दूर नहीं
जब बच्चे गर्भ में ही
खुराफात करेंगे
धर्म और पुराण को मात करेंगे
उस जमाने में भी
ऐसी खबरें धारदार होंगी
पैनी-नोकदार होंगी
लिहाजा
कभी-कभार नहीं
बार-बार होंगी--
कि एक दुधमुंहे ने
आंचल के साए में
कोख से निकलते ही
लपककर, झपटकर
काटकर, कचककर
बलपूर्वक बलात्कार किया
जननी की आबरू पर
वहशियाना वार किया
आगे यह खबर
लजीज़ ज़ायकेदार होगी--
कि ऐसी एकाध औरत
विलुप्तप्राय लोकलाज के बदौलत
खुदकुशी कर हास्यास्पद बनी
और बलात्कारी शिशु को
सात-साला कैद मिली
तब, मांएं
वेदना का पर्याय होंगी
पेट में बलात्कार यन्त्रणा
और प्रसव-पीड़ा
साथ-साथ झेलेंगी.
