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"फबी छबि थोरे ही सिंगार / भारतेंदु हरिश्चंद्र" के अवतरणों में अंतर
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20:19, 10 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
फबी छबि थोरे ही सिंगार।
बिना कंचुकी बिन कर कंकन सोभा बढ़ी अपार॥
खसि रही तन तें तनसुख सारी खुलि रहे सौंधे बार।
’हरीचंद’ मनमोहन प्यारो रीझ्यौ है रिझवार॥