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"नैन भरि देखौ श्री राधा बाल / भारतेंदु हरिश्चंद्र" के अवतरणों में अंतर
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नैन भरि देखौ श्री राधा बाल। | नैन भरि देखौ श्री राधा बाल। |
20:24, 10 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
नैन भरि देखौ श्री राधा बाल।
मुख छबि लखी पूरन ससि लाजत, सोभा अतिहि रसाल।
मृग से बैन, कोकिल सी बानी अरु गयंद सी चाल।
नख सिका लौं सब सहजहि सुंदर, मनहुँ रूप की जाल।
बृंदाबन की कुंज गलिन में, संग लीने नंदलाल।
’हरीचंद’ बलि बलि या छबि पर, राधा रसिक गोपाल॥