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"एक-निष्ठ धुरी / चंद्र रेखा ढडवाल" के अवतरणों में अंतर

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देखने की
+
 
दिखते रहने की चाह
+
भीतर से बाहर को
+
जाने का मोह
+
 
घूमते पहिए की
 
घूमते पहिए की
गति-ऊर्जा-सम्मोहन
+
गति
 +
ऊर्जा
 +
सम्मोहन
 
सब पुरुष
 
सब पुरुष
 
  ***
 
  ***

21:14, 16 जुलाई 2010 के समय का अवतरण


घूमते पहिए की
गति
ऊर्जा
सम्मोहन
सब पुरुष
 ***
अपने में समेटे
सब कुछ को
समाधि में लीन
योगी-सी एक-निष्ठ
धुरी
औरत.