भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"लिखे श्याम अक्षर/रमेश कौशिक" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश कौशिक |संग्रह=कहाँ हैं वे शब्द / रमेश कौशिक }…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
19:13, 18 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
जब बचपन में
पहले दिन मैं
गया पाठशाला था
लिखा गुरु ने काले पट पर
श्वेत चाक से
अक्षर 'अ '|
जैसे मुझे सिखाया गुरु ने
मुझे चाहिए था
वह करना |
किन्तु ठीक विपरीत चला मैं
लिखे श्वेत पृष्ठों के ऊपर
काले अक्षर
जीवन-भर|