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"आओ अब विचार करें / शास्त्री नित्यगोपाल कटारे" के अवतरणों में अंतर

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सामने रखें दर्पण
 
सामने रखें दर्पण
 
सत्य को स्वीकार करें
 
सत्य को स्वीकार करें
गवाँ चुके काफी समय
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गवाँ चुके काफ़ी समय
और न गँवायें अब
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और न गँवाएँ अब
 
उलझी हुई समस्या को
 
उलझी हुई समस्या को
 
और न उलझाएँ अब
 
और न उलझाएँ अब
 
मिल जुलकर बैठें सभी
 
मिल जुलकर बैठें सभी
 
खुद पर उपकार करें
 
खुद पर उपकार करें
आओ अब विचार करें।
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आओ अब विचार करें ।
सड़ते हुए घावो को
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सड़ते हुए घावों को
 
कब तक ढक पाएँगे
 
कब तक ढक पाएँगे
 
गोलियों से कब तक अपना
 
गोलियों से कब तक अपना
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साहस से खोलें और
 
साहस से खोलें और
 
खुद से उपचार करें
 
खुद से उपचार करें
आओ अब विचार करें।
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आओ अब विचार करें ।
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जाति भेद वर्ग भेद
 
जाति भेद वर्ग भेद
 
धर्म भेद त्यागेँ अब
 
धर्म भेद त्यागेँ अब
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निद्रा से जागें हम
 
निद्रा से जागें हम
 
आदमी है‚ आदमी से
 
आदमी है‚ आदमी से
आदमी सा प्यार करें
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आदमी-सा प्यार करें
आओ अब विचार करें।
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आओ अब विचार करें ।
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शकनु के षड्यन्त्रो मे
 
शकनु के षड्यन्त्रो मे
 
दुर्योधन व्यस्त है
 
दुर्योधन व्यस्त है
 
बुद्धिजीवी भीष्म सारे
 
बुद्धिजीवी भीष्म सारे
जाने क्यों तटस्थ हौ
+
जाने क्यों तटस्थ हैं
 
न्याय का समर्थन
 
न्याय का समर्थन
 
अन्याय का प्रतिकार करें
 
अन्याय का प्रतिकार करें
आओ अब विचार करें।
+
आओ अब विचार करें ।
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भारत की वैज्ञानिक
 
भारत की वैज्ञानिक
 
सुपरिष्कृत भाषाएँ
 
सुपरिष्कृत भाषाएँ
 
हतप्रभ कुपुत्रो की
 
हतप्रभ कुपुत्रो की
 
सुनकर परिभाषाएँ
 
सुनकर परिभाषाएँ
अँग्रेजी छोड़े
+
अँग्रेज़ी छोड़ें
 
मातृ भाषा से प्यार करें
 
मातृ भाषा से प्यार करें
आओ अब विचार करें।
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आओ अब विचार करें ।
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सारे मुखपृष्ठों पर
 
सारे मुखपृष्ठों पर
 
गुण्डों के भाषण हैँ
 
गुण्डों के भाषण हैँ
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तम का अनुशासन है
 
तम का अनुशासन है
 
तथ्यों को समझें
 
तथ्यों को समझें
भ्रम का बहिष्कार करें।।
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भ्रम का बहिष्कार करें ।।
आओ अब विचार करें।
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आओ अब विचार करें ।
 
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23:43, 19 जुलाई 2010 का अवतरण


आओ अब विचार करें
सामने रखें दर्पण
सत्य को स्वीकार करें
गवाँ चुके काफ़ी समय
और न गँवाएँ अब
उलझी हुई समस्या को
और न उलझाएँ अब
मिल जुलकर बैठें सभी
खुद पर उपकार करें
आओ अब विचार करें ।

सड़ते हुए घावों को
कब तक ढक पाएँगे
गोलियों से कब तक अपना
दर्द हम भुलाएँगे
साहस से खोलें और
खुद से उपचार करें
आओ अब विचार करें ।

जाति भेद वर्ग भेद
धर्म भेद त्यागेँ अब
कूप मण्डूकता की
निद्रा से जागें हम
आदमी है‚ आदमी से
आदमी-सा प्यार करें
आओ अब विचार करें ।

शकनु के षड्यन्त्रो मे
दुर्योधन व्यस्त है
बुद्धिजीवी भीष्म सारे
जाने क्यों तटस्थ हैं
न्याय का समर्थन
अन्याय का प्रतिकार करें
आओ अब विचार करें ।

भारत की वैज्ञानिक
सुपरिष्कृत भाषाएँ
हतप्रभ कुपुत्रो की
सुनकर परिभाषाएँ
अँग्रेज़ी छोड़ें
मातृ भाषा से प्यार करें
आओ अब विचार करें ।

सारे मुखपृष्ठों पर
गुण्डों के भाषण हैँ
कुण्ठित प्रतिभावों पर
तम का अनुशासन है
तथ्यों को समझें
भ्रम का बहिष्कार करें ।।

आओ अब विचार करें ।