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-अच्छा सामने देख<br>
आसमान दिखता है?<br>
- दिखता है।<br>
- धरती दिखती है?<br>
- दिखती है।<br>
- ये दोनों जहाँ मिलते हैं<br>
वो लाइन दिखती है?<br>
- दिखती है साब।<br>
- इसे तो बहुत बार देखा है।<br>- बस ग़रीबदासयही ग़रीबदास यही ग़रीबी की रेखा है।<br>
सात जनम बीत जाएँगे<br>
तू दौड़ता जाएगा,<br>
हट सकता है<br>
पर क्षितिज की रेखा<br>
नहीं हट सकती,हमारे देश में<br>
रेखा की ग़रीबी तो मिट सकती है,<br>
पर ग़रीबी की रेखा<br>
नहीं मिट सकती।<br><br>