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"महक उठा है आंगन इस खबर से / जॉन एलिया" के अवतरणों में अंतर

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महक उठा है आंगन इस खबर से
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महक उठा है आँगन इस ख़बर से
वो खुशबू लौट आई है सफर से  
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वो ख़ुशबू लौट आई है सफ़र से  
  
 
जुदाई ने उसे देखा सर-ए-बाम
 
जुदाई ने उसे देखा सर-ए-बाम
दरीचे पर शफक के रंग बरसे  
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दरीचे पर शफ़क़ के रंग बरसे  
  
मै इस दिवार पर चढ़ तो गया था  
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मैं इस दीवार पर चढ़ तो गया था  
उतारे अब कौन दिवार पर से  
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उतारे कौन अब  दीवार पर से  
  
 
गिला है एक गली से शहर-ए-दिल की  
 
गिला है एक गली से शहर-ए-दिल की  
मैं लड़्ता फिर रहा हूँ शहर से   
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मैं लड़ता फिर रहा हूँ शहर भर से   
  
उसे देखे ज़माने भर का ये चान्द
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उसे देखे ज़माने भर का ये चाँद
हमारी चान्दनी छाए तो तरसे  
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हमारी चाँदनी छाए तो तरसे  
  
 
मेरे मानन गुज़रा कर मेरी जान   
 
मेरे मानन गुज़रा कर मेरी जान   

12:44, 1 अगस्त 2010 का अवतरण

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महक उठा है आँगन इस ख़बर से
वो ख़ुशबू लौट आई है सफ़र से

जुदाई ने उसे देखा सर-ए-बाम
दरीचे पर शफ़क़ के रंग बरसे

मैं इस दीवार पर चढ़ तो गया था
उतारे कौन अब दीवार पर से

गिला है एक गली से शहर-ए-दिल की
मैं लड़ता फिर रहा हूँ शहर भर से

उसे देखे ज़माने भर का ये चाँद
हमारी चाँदनी छाए तो तरसे

मेरे मानन गुज़रा कर मेरी जान
कभी तू खुद भी अपनी रहगुज़र से