भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आओ आगे बढ़ें / अशोक लव" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKRachna |रचनाकार=अशोक लव |संग्रह =लड़कियाँ छूना चाहती हैं आसमान }} <poem> आ…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
20:39, 3 अगस्त 2010 का अवतरण
आओ भर लें ह्रदय में
अग्नि की दाहकता
आँधियों की प्रचंडता
सागर की गहनता
शिशुओं की मधुर मुस्कानों से
धो डालें
उदासियों की परतें
सूर्य के प्रकाश से आलोकित कर लें
ह्रदय के कोनों में बस गए
अंधेरों को
यही हमारे आसपास ही है सब कुछ
जो-जो चाहिए
ले लें
केवल बढ़ाने हैं हमने, हाथ
दृढ़ करनी है
संकल्प-शक्ति