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"वह हर एक बात पर कहना कि यों होता तो क्या होता / ग़ालिब" के अवतरणों में अंतर
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15:48, 6 अगस्त 2010 का अवतरण
न था कुछ तो ख़ुदा था, कुछ न होता तो ख़ुदा होता,
डुबोया मुझको होने ने न मैं होता तो क्या होता !
हुई मुद्दत कि 'ग़ालिब' मर गया पर याद आता है,
वह हर एक बात पर कहना कि यों होता तो क्या होता ।