भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आत्महत्या / काका हाथरसी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: परमात्मा ने आत्मा बख़्शी है श्रीमान । करे आत्महत्या उसे समझो मू…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:25, 15 अगस्त 2010 का अवतरण
परमात्मा ने आत्मा बख़्शी है श्रीमान ।
करे आत्महत्या उसे समझो मूर्ख महान ॥
समझो मूर्ख महान बुरे दिन वापस जाएँ ।
अटल नियम है दु:ख के बाद सुखानन्द आएँ ॥
मिली आत्मा, प्रभु की समझो इसे अमानत ।
लानत उन्हें अमानत में जो करें खयानत ॥
ईश्वर ने जीवन दिया, किया उसे स्वीकार |
भाग्यहीन कुछ सरफिरे, करें मौत से प्यार ||
करें मौत से प्यार, जवाँ लड़के आते हैं |
उग्रवाद आतंकवाद में घुस जाते हैं ||
करें देश से द्रोह, विदेशी राह पर भटकें |
कोई जेल में सड़ें, कोई फाँसी पर लटकें ||