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"आत्महत्या / काका हाथरसी" के अवतरणों में अंतर

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17:25, 15 अगस्त 2010 का अवतरण

परमात्मा ने आत्मा बख़्शी है श्रीमान ।

करे आत्महत्या उसे समझो मूर्ख महान ॥

समझो मूर्ख महान बुरे दिन वापस जाएँ ।

अटल नियम है दु:ख के बाद सुखानन्द आएँ ॥

मिली आत्मा, प्रभु की समझो इसे अमानत ।

लानत उन्हें अमानत में जो करें खयानत ॥

ईश्वर ने जीवन दिया, किया उसे स्वीकार |

भाग्यहीन कुछ सरफिरे, करें मौत से प्यार ||

करें मौत से प्यार, जवाँ लड़के आते हैं |

उग्रवाद आतंकवाद में घुस जाते हैं ||

करें देश से द्रोह, विदेशी राह पर भटकें |

कोई जेल में सड़ें, कोई फाँसी पर लटकें ||