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"सफल नेता / काका हाथरसी" के अवतरणों में अंतर
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17:44, 15 अगस्त 2010 का अवतरण
सफल राजनीतिज्ञ वह जो जन गण में व्याप्त ।
जिस पद को वह पकड़ ले कभी न होय समाप्त ॥
कभी न होय समाप्त, घुमाए पहिया ऐसा ।
पैसा से पद मिले, मिले फिर पद से पैसा ॥
कह काका, यह क्रम न कभी जीवन-भर टूटे ।
नेता वही सफल और सब नेता झूठे ॥