भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"गुजरात-दो / मुकेश मानस" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Mukeshmanas (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुकेश मानस |संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मान…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
19:26, 22 अगस्त 2010 के समय का अवतरण
यह एक आदमी है
आग की लपटों से घिरा हुआ
उसके हाथ हैं उठे हुए
और एक घने धुँए की लपटें हैं
बस इतना ही दिख रहा है
ये आदमी अपनी तस्वीर में
कौंन है ये आदमी?
हिंदू या मुसलमान
सिख या ईसाई
कोई शराबी या कोई जुआरी
या कोई कारोबारी
किसी स्कूल का अध्यापक
या किसी ट्रेड यूनियन का मैंबर
यह आदमी
अभी अभी जलाये गए
किसी बच्चे का पिता भी तो हो सकता है
यह आदमी कौंन है
यह जानना जरुरी नहीं है शायद
बस इतना काफी है
कि यह एक आदमी है
और एक जलती हुई मैटाडोर के
पिछ्ले हिस्से में खड़ा है
और सिर्फ़ खड़ा ही नहीं है
जल रहा है………..
2002