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19:57, 22 अगस्त 2010 के समय का अवतरण


क्या तुमने देखा है मोर
पंख खोलकर नाचता हुआ

क्या तुमने देखी है कोयल
सुरीले कंठ से गाती हुई

क्या तुमने देखा है पानी
लहराता हुआ नदी में

क्या तुमने देखा है फूल
अपने रंग बिखराता हुआ

अगर नहीं, तो आओ
देखो इन्हें किताबों में

मगर एक बात तो बताओ
जो लिखते हैं तुम्हारी किताबें
क्या उन्होंने ये सब देखा है?
 1996