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"और एक इम्तिहान बाकी है / संकल्प शर्मा" के अवतरणों में अंतर
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02:47, 30 अगस्त 2010 के समय का अवतरण
और इक इम्तिहान बाक़ी है,
इसलिए थोडी जान बाक़ी है।
सर से हर बोझ हट गया मेरे,
सिर्फ़ इक आसमान बाक़ी है।
मैं खतावार हूँ तिरा लेकिन,
तेरे दिल का बयान बाक़ी है।
मेरे हाथों में अब लकीरें नहीं,
तेरे लब का निशान बाक़ी है।
न रहा मैं तो कोई ग़म कैसा,
अब भी तो ये जहान बाक़ी है।
ज़ख्म तो कब के भर गये संकल्प,
ज़ख्मों की दास्तान बाक़ी है।