"जौहर / श्यामनारायण पाण्डेय / मंगलाचरण" के अवतरणों में अंतर
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पक्षियों के राग में किस | पक्षियों के राग में किस | ||
मधुर का मधु - दान होता? | मधुर का मधु - दान होता? | ||
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+ | पवन पंखा झल रहा है, | ||
+ | गीत कोयल गा रही है। | ||
+ | कौन है? किसमें निरन्तर | ||
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+ | तूलिका से कौन रँग देता | ||
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+ | कौन फूलों के वसन को, | ||
+ | कौन रवि - शशि के करों को? | ||
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+ | कौन निर्माता? कहाँ है? | ||
+ | नाम क्या है? धाम क्या है? | ||
+ | आदि क्या निर्माण का है? | ||
+ | अन्त का परिणाम क्या है? | ||
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+ | खोजता वन - वन तिमिर का | ||
+ | ब्रह्म पर पर्दा लगाकर। | ||
+ | ढूँढ़ता है अन्ध मानव | ||
+ | ज्योति अपने में छिपाकर॥ | ||
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+ | बावला उन्मत्त जग से | ||
+ | पूछता अपना ठिकाना। | ||
+ | घूम अगणित बार आया, | ||
+ | आज तक जग को न जाना॥ | ||
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22:53, 2 सितम्बर 2010 का अवतरण
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गगन के उस पार क्या,
पाताल के इस पार क्या है?
क्या क्षितिज के पार? जग
जिस पर थमा आधार क्या है?
दीप तारों के जलाकर
कौन नित करता दिवाली?
चाँद - सूरज घूम किसकी
आरती करते निराली?
चाहता है सिन्धु किस पर
जल चढ़ाकर मुक्त होना?
चाहता है मेघ किसके
चरण को अविराम धोना?
तिमिर - पलकें खोलकर
प्राची दिशा से झाँकती है;
माँग में सिन्दूर दे
ऊषा किसे नित ताकती है?
गगन में सन्ध्या समय
किसके सुयश का गान होता?
पक्षियों के राग में किस
मधुर का मधु - दान होता?
पवन पंखा झल रहा है,
गीत कोयल गा रही है।
कौन है? किसमें निरन्तर
जग - विभूति समा रही है?
तूलिका से कौन रँग देता
तितलियों के परों को?
कौन फूलों के वसन को,
कौन रवि - शशि के करों को?
कौन निर्माता? कहाँ है?
नाम क्या है? धाम क्या है?
आदि क्या निर्माण का है?
अन्त का परिणाम क्या है?
खोजता वन - वन तिमिर का
ब्रह्म पर पर्दा लगाकर।
ढूँढ़ता है अन्ध मानव
ज्योति अपने में छिपाकर॥
बावला उन्मत्त जग से
पूछता अपना ठिकाना।
घूम अगणित बार आया,
आज तक जग को न जाना॥