भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"शब्दों का गुलमोहर / गोबिन्द प्रसाद" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गोबिन्द प्रसाद |संग्रह=कोई ऐसा शब्द दो / गोबिन्द…)
 
(कोई अंतर नहीं)

16:42, 8 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण


काल ने
लिख दिया मुझे
शब्दों के मानिन्द
मेरे युग के चेहरे पर

चाहता हूँ फ़क़त :
शब्दों का सुलगता गुलमोहर
बतौर वसीयत
अगले युग को सौंपा जाए