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"ध्यान की छाया / गोबिन्द प्रसाद" के अवतरणों में अंतर
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17:07, 8 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण
मैंने कहा : बैठ जाओ
इस पत्थर पर
वह बैठ गयी,चुपचाप
उसने कहा : तुम यहाँ बैठो
मेरे ध्यान की छाया में
घास पर
-मैं खड़ा रहा देर तक
चुपचाप