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"उसकी कत्थई आंखों में हैं जंतर मंतर सब / राहत इन्दौरी" के अवतरणों में अंतर
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चाक़ू वाक़ू, छुरियां वुरियां, ख़ंजर वंजर सब | चाक़ू वाक़ू, छुरियां वुरियां, ख़ंजर वंजर सब | ||
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फीके पड़ गए कपड़े वपड़े, ज़ेवर वेवर सब | फीके पड़ गए कपड़े वपड़े, ज़ेवर वेवर सब | ||
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कश्ती, वश्ती, दरिया वरिया लंगर वंगर सब | कश्ती, वश्ती, दरिया वरिया लंगर वंगर सब | ||
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16:14, 15 सितम्बर 2010 का अवतरण
उसकी कत्थई आंखों में हैं जंतर मंतर सब
चाक़ू वाक़ू, छुरियां वुरियां, ख़ंजर वंजर सब
जिस दिन से तुम रूठीं मुझ से रूठे रूठे हैं
चादर वादर, तकिया वकिया, बिस्तर विस्तर सब
मुझसे बिछड़ कर वह भी कहां अब पहले जैसी है
फीके पड़ गए कपड़े वपड़े, ज़ेवर वेवर सब
आखिर मै किस दिन डूबूँगा फिक्रें करते है
कश्ती, वश्ती, दरिया वरिया लंगर वंगर सब