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"लहू / इक़बाल" के अवतरणों में अंतर
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20:30, 16 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण
लहू
अगर लहू है बदन में तो ख़ौफ़<ref>भय
</ref> है न हिरास<ref>त्रास
</ref>
अगर लहू है बदन में तो दिल है बे-वसवास<ref>निडर</ref>
जिसे मिला ये मताए-ए-गराँ बहा<ref>बड़ा धन</ref> उसको
नसीमो-ज़र<ref>सोने-चाँदी</ref> से मुहब्बत है, नै ग़मे-इफ़्लास<ref>दरिद्रता का कष्ट</ref>
शब्दार्थ
<references/>