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"कहै 'कवि बेनी, बेनी ब्याल की चुराइ लीनी / बेनी" के अवतरणों में अंतर

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<poeM>कहै 'कवि बेनी, बेनी ब्याल की चुराइ लीनी।
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रती-रती शोभा सब रति के शरीर की।
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अब तौ कन्हैया जू को चित्त  चुराई लीन्ही,
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चोरटी है गोरटी या छोरटी अहीर की॥
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