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"कांच के ख्वाब / गुलज़ार" के अवतरणों में अंतर

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देखो आहिस्ता चलो,और भी आहिस्ता ज़रा
 
देखो आहिस्ता चलो,और भी आहिस्ता ज़रा
देखना,सोच-समझकर ज़रा पावँ रखना  
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देखना,सोच-समझकर ज़रा पाँव रखना  
 
जोर से बज न उठे पैरों की आवाज़ कहीं
 
जोर से बज न उठे पैरों की आवाज़ कहीं
कांच के ख्वाब हैं बिखरे हुए तन्हाई में  
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कांच के ख़्वाब हैं बिखरे हुए तन्हाई में  
ख्वाब टूटे न कोई,जाग न जायें देखो
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ख़्वाब टूटे न कोई, जाग न जायें देखो
  
जाग जायेगा कोई ख्वाब तो मर जायेगा  
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जाग जायेगा कोई ख़्वाब तो मर जायेगा  
 
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19:21, 23 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण

देखो आहिस्ता चलो,और भी आहिस्ता ज़रा
देखना,सोच-समझकर ज़रा पाँव रखना
जोर से बज न उठे पैरों की आवाज़ कहीं
कांच के ख़्वाब हैं बिखरे हुए तन्हाई में
ख़्वाब टूटे न कोई, जाग न जायें देखो

जाग जायेगा कोई ख़्वाब तो मर जायेगा