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'''सवाल''''''(‘फ़िराक़' की तस्वीर देखकर)'''
एक संग- तराश<ref>मूर्तिकार</ref> जिसने बरसोंहीरों की तरह सनम<ref>प्रतिमाएँ</ref> तराशेआज अपने सनमकदे<ref>मंदिर</ref> में तन्हा<ref>अकेला</ref> मजबूर, निढाल,ज़ख़्म-ख़ुर्दा<ref>घायल</ref>
दिन रात पड़ा कराहता है