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"मरियम / गुलज़ार" के अवतरणों में अंतर
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19:42, 27 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण
रात में देखो झील का चेहरा
किस कदर पाक,पुर्सुकुं,गमगीं
कोई साया नहीं है पानी पर
कोई सिलवट नहीं है आँखों में
नीन्द आ जाये दर्द को जैसे
जैसे मरियम उडाद बैठी हो
जैसे चेहरा हटाके चेहरे का
सिर्फ एहसास रख दिया हो वहाँ