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"अभिनय / लीलाधर मंडलोई" के अवतरणों में अंतर
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इस कमाल अभिनय पर
हैरत में हूं
और डरा हुआ
सत्य बोलने पर
चुप थे सभी
असत्य के आते ही
करतल ध्वनि से
भर उठा था सभागार